
दोस्तों साल 2013 में फिल्म ‘काई पो छे’ से बॉलीवुड में कदम रखने वाले सुशांत सिंह राजपूत ने 14 जून को मुंबई के अपने अपार्टमेंट में आत्महत्या कर ली थी। उनकी मौत को लेकर चर्चाओं का बाज़ार गर्म है, सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद कई जानी-मानी हस्तियों ने ‘बॉलीवुड माफिया’ और ‘मीडिया लॉबी’ के ख़िलाफ़ अब मुखर होकर बोलना शुरू किया है। इनमें आज एक नाम चेतन भगत का भी शुमार हो गया। चेतन भगत ने आज ट्विटर पर सुशांत की आने वाली फिल्म ‘दिल बेचारा’ से पहले अपनी बात रखी और फिल्म समीक्षकों को सलाह दी।
लेखक चेतन भगत ने मंगलवार को सुशांत की आखिरी फिल्म ‘दिल बेचारा’ को लेकर फिल्म आलोचकों को ओवरस्मार्ट नहीं बनने की सलाह दी। 9 ट्वीट्स में उन्होंने क्रिटिक्स से निष्पक्षता के साथ काम करते हुए बकवास नहीं लिखने की नसीहत दी। उन्होंने लिखा कि आप पहले ही कई लोगों का जीवन बर्बाद कर चुके हो। अब रुक जाओ। चेतन ने अंग्रेजी बोलने वाले कुछ क्रिटिक्स को निशाने पर लेते हुए कहा कि ये लोग दिखते तो भारतीय हैं, लेकिन अंदर से अंग्रेज हैं और भारतीयों से इन्हें नफरत है। चेतन ने बड़े सितारों से ऐसे लोगों को संरक्षण नहीं देने की अपील भी की। ‘दिल बेचारा’ 24 जुलाई को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होगी।
चेतन भगत ने लिखा, “सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म इस हफ्ते रिलीज होगी। मैं सभी घमंडी और अभिजात्य फिल्म समीक्षकों से अब कहना चाहूँगा कि समझदारी से लिखें। ओवरस्मार्ट न बनें। बेकार चीजें न लिखें। निष्पक्ष और समझदार बनें। अपने बेकार तरीकों का इस्तेमाल न करें। आपने वैसे ही कई जिंदगियाँ बर्बाद कर दी हैं। अब रुकिए। हम लोग देख रहे हैं। “
इस ट्वीट के बाद कई फिल्म क्रिटिक समेत ट्विटर यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रिया दी। कुछ लोगों ने चेतन की बात पर अपनी सहमति दर्ज कराई और कुछ ने उनका मजाक उड़ाना शुरू कर दिया। इसी बीच भारतीय फिल्म डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा की पत्नी व फिल्म क्रिटिक अनुपमा चोपड़ा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी।
अनुपमा ने चेतन भगत के ट्वीट के जवाब की जगह उन पर निशाना साधा और लिखा, “जितनी बार आप सोचोगे कि बातचीत का स्तर इससे नीचे नहीं गिर सकता। उतनी बार ऐसे होता है।” अनुपमा के ट्वीट के बाद चेतन भगत चुप नहीं रहे और उन्हें जवाब भी दिया। चेतन ने अनुपमा चोपड़ा को उनकी प्रतिक्रिया का जवाब देते हुए लिखा, “मैम, जब आपके पति ने मुझे सार्वजनिक रूप से धमकाया, बेशर्मी से सभी बेहतरीन कहानी पुरस्कारों (बेस्ट स्टोरी अवॉर्ड) को अपने नाम पर इकट्ठा किया, मुझे मेरी कहानी का श्रेय देने से इनकार किया और मुझे आत्महत्या करने के कगार तक धकेल दिया, और आप बस देखते रहे, तब आपका ये ज्ञान कहाँ था।”
बता दे की लेखक चेतन भगत ने सुशांत की फिल्म पर फिल्म क्रिटिक्स को बोलते हुए मीडिया संस्थानों पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा, “मीडिया संस्थानों के लिए… अभिजात्य लोगों को काम पर रखना बहुत ही भयानक रणनीति है, जिन्हें भारत समझ नहीं आता और उन्हें लगता है कि वह अन्य भारतीय से ज्यादा अच्छे हैं। ये लोग अंदर से कुछ और, बाहर से कुछ और है। जो यह जरूर सुनिश्चित करेंगे कि आपका संस्थान दिवालिया हो जाए। कई लोगों का पहले हो भी चुका है।’”