अपने समय का सबसे महंगा सीरियल था रामानंद सागर की रामायण, इस तरह हुआ करती थी शूटिंग!

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दोस्तों टीवी जगत के सबसे पॉपुलर सीरियल बनाने वाले रामानंद सागर की हिट और क्लासिक ‘रामायण’ लोगो के बीच काफी पॉपुलर हुई थी 80 के दशक में आई ‘रामायण’ लोगों के बीच इतनी हिट हो गई थी कि लोग हाथ जोड़े टीवी की स्क्रीन के आगे बैठ जाते थे और गलियों में सन्नाटा पसर जाता था।

बता दे की जिस समय रामानंद सागर ने इस सीरियल की शुरुआत की, उस वक्त उन्होंने सोचा भी नहीं था कि इसे एतिहासिक सफलता मिलेगी और दुनियाभर में इसके कलाकारों को पूजा जाएगा। ‘रामायण’ के राम-सीता यानी अरुण गोविल और दीपिका चिखलिया को तो लोग सच में ही पूजने लगे थे। वे जहां भी जाते लोग हाथ जोड़कर नमस्ते करने के बजाय पैर पकड़ लगते थे।

आज टीवी की दुनिया काफी तरक्की कर चुकी है। टेक्नॉलजी में भी नई-नई चीजें आ गई हैं, जिसकी मदद से किसी भी सीन को दमदार बनाया जा सकता है। लेकिन धारावाहिक ‘रामायण’ के समय में ऐसी कोई टेक्नॉलजी नहीं हुआ करती थी, जबकि उस समय ‘रामायण’ के युद्ध वाले दृश्य बिना कंप्यूटर ग्राफिक्स के तैयार किए गए थे।

युद्ध के दृश्यों को असली बनाने के लिए करीब 2 हजार लोगों को बुलाया गया था। ‘रामायण’ की शूटिंग गुजरात के अंबरगांव में की गई थी और युद्ध के दृश्यों को फिल्माने के लिए अंबरगांव से लेकर अहमदाबाद तक के जूनियर आर्टिस्टों को भी बुलवाया गया था। साल 2016 में दिए एक इंटरव्यू में मोती सागर ने इस बारे में बताया था।

‘रामायण’ 80 के उस दौर का सबसे महंगा टीवी धारावाहिक था। मोती सागर के मुताबिक, एक एपिसोड पर करीब 9 लाख रुपये खर्च किए जाते थे। ‘रामायण’ के सभी किरदार लोकप्रिय हुए और उन्हें जिंदगीभर की पहचान मिली। अरुण गोविल और दीपिका चिखलिया को तो लोग आज भी राम और सीता के नाम से ही जानते हैं। वहीं विभीषण से लेकर रावण और लक्ष्मण तक का किरदार निभाने वाला हर कलाकार मशहूर हो गया था।

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