पंजाब नेशनल बैंक की सहायक प्रबंधक श्रद्धा गुप्ता (32) ने फांसी लगाकर जान दे दी। उनका शव शनिवार को उनके कमरे में फंदे से लटका मिला। राजाजीपुरम, लखनऊ निवासी श्रद्धा ने सुसाइड नोट में अयोध्या के पूर्व एसएसपी आईपीएस अफसर आशीष तिवारी समेत तीन लोगों को जिम्मेदार बताया है। पिता राजकुमार गुप्ता की तहरीर पर तीनों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया गया है। परिजनों ने देर रात पोस्टमार्टम के बाद सरयू के रामघाट पर श्रद्धा का अंतिम संस्कार कर दिया।
श्रद्धा ने सुसाइड नोट में अपना दर्द बयान किया है। उसने लिखा है कि मेरे सुसाइड की वजह अशीष तिवारी, विवेक गुप्ता और अनिल रावत हैं। आई एम सॉरी फॉर दिस…। परिजनों का कहना है कि श्रद्धा की सगाई विवेक गुप्ता के साथ हुई थी लेकिन बाद में किसी कारणवश यह शादी टूट गई थी। इसे लेकर वह अवसाद में रहती थी। वहीं पुलिस के अनुसार दोनों की शादी टूटने के बाद कोई शिकायत पुलिस तक नहीं पहुंची थी, न ही इसे लेकर दोनों में से कोई पूर्व एसएसपी से मिला था।
सुसाइड नोट में फैजाबाद के एक पुलिसकर्मी अनिल रावत का भी नाम लिखा है, पुलिस ने इस नाम का व्यक्ति ढुंढवाया लेकिन कोई भी पुलिसकर्मी नहीं पाया गया। फिलहाल पुलिस ने मृतका का मोबाइल कब्जे में ले लिया है। फोन का लॉक खोलने के लिए विशेषज्ञ के पास भेजा गया है। पुलिस के अनुसार परिजनों ने भी पूछताछ में बताया कि श्रद्धा खुशमिजाज लड़की थी और मन लगाकर काम करती थी। शादी टूटने का कारण आपसी सहमति न बन पाना बताया और कहा कि इसमें दोनों की सहमति थी। फिलहाल पुलिस हर पहलू को ध्यान में रखकर जांच कर रही है।
श्रद्धा के परिवार से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि शुक्रवार की शाम से ही घरवाले श्रद्धा को फोन कर रहे थे, लेकिन श्रद्धा की ओर से फोन रिसीव नहीं हुआ। शनिवार सुबह भी फोन किया गया तो कोई जवाब न मिलने पर मकान मालिक को सूचना दी गई। मकान मालिक ने श्रद्धा के कमरे में लगी खिड़की से देखा तो अंदर उसका शव फंदे से लटक रहा था। उनकी सूचना पर मृतका के परिजन यहां पहुंचे। एसएसपी शैलेश पांडेय, एसपी सिटी विजयपाल सिंह, एएसपी पलाश बंसल भी मौके पर पहुंचे और खिड़की तोड़कर श्रद्धा के कमरे में दखिल हुई पुलिस ने शव को कब्जे में लिया।
एसएससी शैलेश पांडे ने बताया कि परिजनों की तरफ से तहरीर मिली है। तहरीर में सुसाइड नोट में लिखी बातों को दर्शाया गया है। एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है। एसएसपी रात में करीब 10 बजे एक बार फिर घटनास्थल पर पहुंचे और जांच पड़ताल की। 2012 बैच के आईपीएस अधिकारी आशीष तिवारी ने जून 2019 में अयोध्या जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पद का कार्यभार संभाला था। वह करीब 8 महीने तक यहां पर रहे। अगस्त 2020 में प्रधानमंत्री के शिलापूजन कार्यक्रम से पूर्व उनका स्थानांतरण एसपी रेलवे में कर दिया गया था। वर्तमान में वह एसएसएफ लखनऊ में तैनात हैं। इस फोर्स के वह पहले एसपी है।