दोस्तों आज के ज़माने कब, क्या, कैसे, कहां, कौन और क्यों वायरल हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। सोशल मीडिया की वजह से आम लोग एक रात में फ़र्श से अर्श पर जा पहुंचे। चाहे वो छत्तीसगढ़ का सहदेव दिरदो हो या ‘Pawry हो रही है’ गर्ल हो। सोशल मीडिया ने कुछ घंटों में ही न जाने कितनों की पूरी ज़िन्दगी बदल दी। कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक रील ऑडियो वायरल हो रहा है, गाने के बोल हैं, ‘काचा बादाम’।
काचा बादाम का मतलब कच्ची मूंगफली होता है। बांग्ला में मूंगफली को बादाम कहते हैं। हम अपने आस-पास फल-सब्ज़ियां बेचने वाले को अलग आवाज़ निकालते रोज़ सुनते हैं। खरीदारों का ध्यान आकर्षित करने के लिए और अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए विक्रेता क्रिएटिव अंदाज़ में आवाज़ लगाते हैं।
पश्चिम बंगाल के मूंगफली बेचने वाले भुबन बादायकर ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए ‘काचा बादाम’ गाना बनाया. मशहूर बाउल लोकगीत के धुन पर उन्होंने ये गाना बना दिया। खबरों के अनुसार, वे बीरभूम ज़िले के दुबराजपूर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले कुरालजुरी गांव के रहने वाले हैं।
भुबन के परिवार में उनकी पत्नी, 2 बेटे और 1 बेटी को मिलाकर कुल 5 सदस्य हैं। वो पायल, घर की टूटी-फूटी चीज़ों के बदले में मूंगफली बेचते हैं। मूंगफली बेचने के लिए वे दूर-दूर के गांव में जाते हैं और रोज़ाना 3-4 किलो मूंगफली बेचकर 200-250 रुपये तक कमाते हैं। गाना वायरल होने के बाद उनकी बिक्री बढ़ गई है।
View this post on Instagram
View this post on Instagram
View this post on Instagram
View this post on Instagram
View this post on Instagram
View this post on Instagram
भुबन की आवाज़ आज दुनियाभर में पहुंच चुकी है लेकिन उनकी माली हालत ठीक नहीं है। भुबन के शब्दों में, ‘मैं चाहता हूं कि लोगों को मेरे गाने के बारे में पता चले और सरकार मेरे और मेरे परिवार के रहने के लिए कोई स्थाई व्यवस्था कर दे। मैं उन्हें अच्छा खाना खिलाना चाहता हूं, उनके लिए सुंदर कपड़ों की व्यवस्था करना चाहता हूं। विडंबना ये है कि भुबन के गाने पर लोग रील्स बनाकर व्यूज़, लाइक्स और पैसे तो कमा रहे हैं लेकिन उन्हें इसके बदले कुछ नहीं मिल रहा है।