लॉकडाउन के बावजूद भारत में कोरोना वायरस तेजी से पैर पसार रहा है. कोरोना से जुड़े केस लगातार बढ़ रहे हैं. मौ’त का आंकड़ा भी 150 छू गया है. माना जा रहा है कि भारत कोरोना के थर्ड फेज के करीब है, जिसमें इस वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा बढ़ जाता है. कोरोना से दुनिया में सबसे अधिक लोग इटली में मारे गए हैं. यह चिंता का विषय है कि भारत में कोरोना का विस्तार इटली की ही तर्ज पर हो रहा है. सरकार ने संकेत दिए हैं कि लॉकडाउन अभी खत्म नहीं होगा. इससे भी साफ है कि स्थिति नियंत्रित करने में वक्त लगने वाला है.
इटली में कोरोना वायरस के चलते 17 हजार से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं. भारत में अब तक 150 लोगों की मौ’त हो चुकी है. दोनों देशों के कोरोना से जुड़े मामलों और मौ’तों को देखें तो भारत, इटली के रास्ते पर बढ़ता दिख रहा है. हालांकि, इटली में कोरोना ने एक महीने पहले ही कहर बरपाना शुरू कर दिया था. अच्छी बात यह है कि भारत के पास अभी संभलने का वक्त है.
वर्ल्ड मीटर के मुताबिक एक अप्रैल तक भारत में कोरोना के 1998 केस आए थे, जिनमें 58 की मौ’त हो गई थी. इटली में यह स्थिति एक महीने पहले थी. एक मार्च तक इटली में कोरोना के 1577 केस आए थे, जबकि मौ’तें 41 हुई थीं. इसी तरह इटली के छह मार्च और भारत के छह अप्रैल के आंकड़ों में काफी समानता है. भारत में छह अप्रैल तक कोरोना वायरस के 4778 केस सामने आए, जिनमें 136 लोगों की मौ’त हुई. इटली में 6 मार्च तक का कोरोना ग्राफ देखें तो वहां 4636 केस आए थे, जबकि 197 मौ’तें हुई थीं.
भारत और इटली में हर रोज आने वाले केस और मौ’तों की संख्या भी एक जैसी दिखती है. यहां भी बस समय का अंतर दिखता है. एक महीने पहले इटली में रोज जितने केस आ रहे थे, अब भारत में भी लगभग वही स्थिति है. इटली में एक मार्च को 573 केस आए और 12 मौ’तें हुई थीं. एक महीने बाद भारत में एक अप्रैल को 601 केस आए और 23 मौ’तें हुईं.
भारत और इटली में कोरोना से रोजाना की मृत्युदर भी लगभग एक जैसी है. यहां भी दोनों देशों के बीच समय का अंतर भर नजर आता है. एक मार्च को इटली में कोरोना से मृत्युदर करीब 33% थी. एक महीने बाद एक अप्रैल को भारत में कोरोना से मृत्यदर करीब 28% थी.
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