दोस्तों 80 के दशक में टेलीविजन पर आए रामानंद सागर के चर्चित धार्मिक सीरियल ‘रामायण’ की यादें लोगों के जहन में आज भी ताजा हैं। इस सीरियल को लोग किस हद तक पसंद करते थे, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सीरियल शुरू होने से काफी देर पहले ही लोग टीवी के सामने जम जाते थे और सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता था। लोग रामायण के शुरू होने का इंतजार करते नजर आते थे।
साथ ही रामायण के किरदारों ने भी लोगों के दिलों में काफी जगह बनाई। राम और सीता के किरदार तो इतने मशहूर हुए कि बाजार में मिलने वाले कैलेंडर पर इन्हीं किरदारों को वास्तविक राम-सीता के रूप में दिखाया जाने लगा। इसी तरह रावण का किरदार भी लोगों के बीच काफी पसंद किया गया। रामानंद सागर के धारावाहिक रामायण में रावण का रोल निभाकर अरविंद त्रिवेदी ने खासी लोकप्रियता बटोरी थी। इस रोल ने उन्हें इस कदर सफलता की बुलंदियों पर पहुंचाया कि लोग उन्हें असल जिंदगी में रावण समझने लगे थे।
बता दे की मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के रहने वाले अरविंद त्रिवेदी के बड़े भाई उपेंद्र त्रिवेदी गुजरात में थियेटर के जाने माने कलाकार रहे हैं। अरविंद को एक्टिंग करने की प्रेरणा अपने भाई से ही मिली। अरविंद त्रिवेदी बताते हैं कि जिस समय रामायण सीरियल के लिए ऑडिशन चल रहा था, तो वो भी केवट के रोल के लिए ऑडिशन देने गए थे। अरविंद की एक्टिंग और शरीर की डीलडौल को देखकर रामानंद सागर इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उन्हें रावण के किरदार के लिए चुन लिया। इसके बाद जब अरविंद त्रिवेदी ने टीवी पर रावण का किरदार निभाया तो रामानंद सागर की पसंद एकदम सही साबित हुई।
रामानंद सागर की रामायण में रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी का किरदार इतना दमदार था कि जब उनकी आवाज टीवी पर दशानन लंकेश के रूप में गूंजती थी, तो लगता था कि वास्तविक रावण ही छोटे पर्दे पर उतर आया है। रावण के रूप में दिखने वाला उनका चौड़ा माथा और चेहरे पर गुस्से के भाव ऐसे होते थे, कि आज भी अगर रावण का जिक्र होता है तो सबसे पहले अरविंद त्रिवेदी का ही चेहरा सामने आता है। रामायण में रावण के किरदार से उन्हें काफी प्रसिद्धि मिली। 8 नवंबर 1937 को पैदा हुए अरविंद त्रिवेदी 81 साल के हो चुके हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि असल जिंदगी में भगवान राम के अनन्य भक्त हैं। अरविंद त्रिवेदी राजनीति में भी हाथ आजमा चुके हैं।
रामायण के अलावा अरविंद त्रिवेदी ने विक्रम-बेताल और कई अन्य धारावाहिकों में भी काम किया। उन्होंने हिंदी और गुजराती समेत कुल 250 फिल्मों में अभिनय किया। हिंदी फिल्मों में ‘पराया धन’, ‘जंगल में मगंल’, ‘आज की ताजा खबर’ और ‘त्रिमूर्ति’ उनकी यादगार फिल्में रहीं। रामायण में रावण का किरदार निभाने के बाद अरविंद त्रिवेदी ने राजनीति में भी कदम रखा। 1991 में अरविंद त्रिवेदी गुजरात की साबरकांठा लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। 2002 में उन्हें भारतीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। हालांकि अब अरविंद त्रिवेदी का ज्यादातर समय भगवान राम की भक्ति में ही बीतता है और वो तीर्थ यात्रियों की सेवा करने का काम करते हैं।
बहुत कमजोर हो गया है रामायण का रावण, भगवान राम की भक्ति में ही बीतता है अपना समय!
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