शार्प शूटर ने गुलशन कुमार पर बरसाई थी 16 गोलियां, 10 मिनट तक चीखें सुनता रहा था अबू सलेम

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दोस्तों अपनी आवाज़ से लोगो को भक्ति गीतों से दीवाना बनाने वाले गुलशन कुमार की आज पुण्यतिथि है। जन्‍म 5 मई 1951 को हुआ था। उनका पूरा नाम गुलशन कुमार दुआ था। उन्‍होंने संगीत को एक नयी पहचान दी। संघर्षपूर्ण जीवन बिताने के बाद अपने संगीत के प्रति लगन से उन्‍होंने एक खास मुकाम हासिल किया। शुरुआती दिनों में वे अपने पिता के साथ दरियागंज मार्केट में जूस की दुकान चलाते थे। उन्‍होंने टी-सीरीज के कैसेट के जरिये संगीत को घर-घर पहुंचाने का काम किया।

बता दे की टी सीरीज के संस्थापक गुलशन कुमार वो शख्सियत हैं, जिन्हें बॉलीवुड ही नहीं बल्कि आम लोग भी नहीं भूल पाए हैं। वे लोगों की नजरों में उस वक्त आए थे, जब उन्होंने देश में कैसेट के साम्राज्य को खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई हालांकि, उन्हें एक और वजह से याद किया जाता है वो है उनकी दर्दनाक मौत। आज गुलशन कुमार की पुण्यतिथि है। उनके निधन के बाद इसका कार्यभार उनके बेटे भूषण कुमार और बेटी तुलसी कुमार ने अपने कंधों पर लिया।

दिल्ली की पंजाबी फैमिली में जन्मे गुलशन कुमार छोटी उम्र से ही बड़े सपने देखते थे। गुलशन ने जूस की दुकान लगाकर पैसे कमाना शुरू किया था। गुलशन को बचपन से ही म्यूजिक का शौक था इसलिए वो ओरिजनल गानों को खुद की आवाज में रिकॉर्ड करके उन्हें कम दाम में बेचते थे। गुलशन को जब दिल्ली में तरक्की के आसार नहीं दिखे तब उन्होंने मुंबई जाने का फैसला लिया। गुलशन कुमार कामयाबी की ओर बड़ी तेजी से बढ़ रहे थे और जाहिर है उनके दुश्मन भी बनने शुरू हो गए थे। एस हुसैन जैदी ने अपनी किताब माई नेम इज अबू सलेम में बताया कि अबू सलेम ने सिंगर गुलशन कुमार से 10 करोड़ देने के लिए कहा था।

खबरों की माने तो गुलशन कुमार 1992-93 में सबसे ज्‍यादा टैक्‍स भरनेवालों में से एक थे। ऐसा माना जाता है कि गुलशन ने मुंबई के अंडरवर्ल्‍ड की जबरन वसूली की मांग के आगे झुकने से मना कर दिया थागुलशन कुमार ने मना कर दिया था। जिसके बाद 12 अगस्त 1997 को मुंबई के जीतेश्वर महादेव मंदिर के बाहर 16 गोलियां मारकर गुलशन कुमार की हत्या कर दी गई थी। गुलशन कुमार ने मना करते हुए कहा था कि इतने रुपये देकर वो वैष्णो देवी में भंडारा कराएंगे। इस बात से नाराज सलेम ने शूटर राजा के जरिए गुलशन कुमार का दिन दहाड़े मर्डर करवा दिया था। गुलशन कुमार को मारने के बाद शूटर राजा ने अपना फोन 10 से 15 मिनट तक ऑन रखा था ताकि गुलशन कुमार की चीखें अबू सलेम सुन सके।

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