दोस्तों हरियाणा के करनाल जिले में एक अजीब वाकया देखने को मिला। यहां जमीन अपने आप ऊपर की ओर उठने लगी। यह नजारा देख हर कोई हैरान रह गया। कुछ युवकों ने पूरे वाकये को मोबाइल में कैद कर लिया। सोशल मीडिया में यह वीडियो वायरल है। इस प्राकृतक घटना की चर्चा हर तरफ है। वाकया करनाल जिले में कैथल रोड स्थित औगंद नर्दक नहर के पास का है। 15 जुलाई को बारिश का पानी पहुंचा तो एक खेत की मिट्टी करीब पांच फीट ऊपर उठने लगी। अचानक मिट्टी ऊपर उठते देख क्षेत्र में खलबली मच गई।इस घटनाक्रम की वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हुई। लोगों में कौतूहल बना रहा। मामले के बारे में जानने के लिए कुछ ही देर में आस-पास के कई गांवों के सैकड़ों लोग घटनास्थल पर जा पहुंचे। लोगों को खेत के पास से हटाया गया। वहीं आसपास के गांवों में भी अलर्ट रहने को कहा गया है। जिस खेत में यह घटना हुई, उसमें काफी पानी भरा हुआ है। इसे देखते हुए लोग शाम तक भी खेत में नहीं गए।
एक व्यक्ति ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। लोग इसे अजूबा बताने लगे। पहले तो इसकी जानकारी नहीं हो सकी कि आखिर यह वीडियो कहां का है लेकिन जब जानकारी हुई तो कृषि विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। बताया जा रहा है कि खेत मालिक ने खेत में बने गड्ढे को भरने के लिए सेलर से निकलने वाली राख (धान की भूसी) डाली थी। जिसके ऊपर मिट्टी डाल दी थी। जो पानी के नीचे पहुंचते ही ऊपर उठ गई। जब वीडियो वायरल हुआ तो इसे आठवां अजूबा नाम दे दिया गया। इसे देखकर ऐसा लगने लगा कि कोई प्रलय आने वाली है।
लोग एक दूसरे को शेयर करने लगे। सोशल मीडिया पर यह वीडियो सुर्खियां बटोरने लगा। यह तो पता चला कि वीडियो 15 जुलाई का है लेकिन वीडियो कहां का है, इसकी जानकारी नहीं हो सकी लेकिन गुरुवार को ग्रामीणों से ही इसका खुलासा हुआ कि यह वीडियो निसिंग क्षेत्र के औगंध नर्दक नहर के किनारे नफे सिंह के खेत का है। जानकारी होने पर खंड कृषि अधिकारी डॉ. राधेश्याम गुप्ता अपनी टीम के साथ पहुंचे तो खेत मालिक ने जानकारी दी कि उसके खेत में मिट्टी निकलवा देने के कारण गहरा गड्ढा बन गया था। जिसे भरने के लिए उसने सेलर से निकलने वाली राख डाल दी और राख के ऊपर कुछ फीट तक मिट्टी डलवा दी। जब बारिश का पानी गड्ढ़े में भरा तो पानी के दबाव के कारण राख का पूरा ढेर ही ऊपर उठ गया।
बीएओ डॉ. राधेश्याम गुप्ता ने बताया कि सेलर की राख वजन में हल्की होती है और वह पानी में आसानी से नहीं घुल पाती है। जिस कारण पानी के दबाव से राख ऊपर आ गई। वहीं इस राख से खेत की उर्वरक शक्ति भी खत्म होती है। किसानों को खेतों में इसका उपयोग करने से बचना चाहिए। किसान खेत की मिट्टी लालच में आकर बेच देते हैं। खनन विभाग की कार्रवाई से बचने के लिए गड्ढ़ों को भरने के लिए सेलर से निकलने वाली राख को खेतों में डाल देते हैं। ऐसा ही इस मामले में किया गया। अभी मौके पर देखा तो नहीं है, इसलिए स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन राख आदि जमीन के अंदर डाली जाती है तो मिथेन व कार्बन डाईऑक्साइड गैस बनती है। अचानक पानी पहुंचा तो शायद अधिक मात्रा में गैस बनी और राख का पूरा ढेर ही ऊपर उठ गया होगा।