बॉलीवुड के बेहतरीन एक्टर कादर खान का निधन के बाद 22 अक्टूबर को पहला जन्मदिन है। कादर खान का आज 82वां जन्मदिन होता। वह बेशक हमारे बीच नहीं हैं लेकिन अपने अभिनय की बदौलत हम सभी के दिलों में वह अब भी जिंदा हैं। कादर खान ने बॉलीवुड के लगभग सभी बड़े कलाकारों के साथ काम किया था। अफगानी मूल के कादर खान ने फिल्मों में हर तरह के किरदार निभाए। हालांकि उन्हें कॉमेडी रोल्स में सबसे ज्यादा पसंद किया गया।
कादर को बचपन से ही लोगों की नकल करने की आदत थी। जब मां नमाज के लिए भेजती थी तब वे बंक मारकर कब्रिस्तान में जाकर दो कब्रों के बीच बैठ खुद से बातें करते हुए फिल्मी डायालॅग्स बोलते थे। कादर से पहले उनके परिवार में 3 बेटे हुए थे पर सभी का आठ साल की उम्र तक निधन हो जाता था। कादर के जन्म के बाद उनकी मां डर गईं कि कहीं उनके साथ भी ऐसा ही न हो। तब उन्होंने भारत आने का फैसला किया और वो मुंबई के धारावी में आकर बस गए।
बता दे की कादर जब एक साल के थे तब उनके माता-पिता का तलाक हो गया। इसके बाद वे डोंगरी जाकर एक मस्जिद पर भीख मांगते थे। दिन-भर में जो दो रुपए मिलते उससे उनके घर में चूल्हा जलता था। इतनी सी उम्र में ही वे पहली बार काम पर जाने वाले थे तब मां ने उन्हें रोककर कहा कि यह तीन-चार पैसे कमाने से कुछ नहीं होगा। अभी तू सिर्फ पढ़ बाकी मुसीबतें मैं झेल लूंगी। बड़े होने के बाद जब एक दिन कादर पढ़ा रहे थे तब उनके स्कूल में दिलीप कुमार का फोन आया। उन्होंने इच्छा जताई कि वे उनका ड्रामा देखना चाहते हैं। कादर ने उनके सामने दो कंडीशन रखीं। एक तो वे ड्रामा शुरू होने से बीस मिनट पहले आएंगे और दूसरा उन्हें यह प्ले पूरा देखना होगा। यही प्ले देखकर दिलीप ने कादर को दो फिल्मों में साइन किया।
उन्होंने 1973 में आई “दाग” से एक्टिंग कॅरियर की शुरुआत की थी। 300 से अधिक फिल्मों में काम करने वाले कादर खान ने 250 से ज्यादा फिल्मों में डायलॉग्स भी लिखे। साल 2019 में पद्मश्री पाने वाले कादर 9 बार फिल्मफेयर में नॉमिनेट हो चुके हैं। दिसंबर 2018 में दुनिया को अलविदा कह गए थे, उनके जन्मदिन के मौके पर उनके साथ काम कर चुके इंडस्ट्री के तीन साथीयो ने उनको याद करते हुए उनके बारे में कुछ खास बात बताई।
चंकी पाण्डेय
अभिनेता चंकी पाण्डेय ने कादर खनक ओ याद करते हुए बताया की -मैं कादर खान साहब से पहली बार गोवा में मिला था। मुझे जहां तक याद आ रहा है, वहां ‘सोने की लंका’ की आउटडोर शूटिंग कर रहे थे। मैं उनका बहुत बड़ा फैन था और अब भी हूं। मैंने उनके साथ कई फिल्में की। सीन कुछ और होता था, पर वे बना कुछ और देते थे। उनका सीन में इंप्रोवाइजेशन कमाल का था। कभी-कभी तो डबिंग करते वक्त इतनी कुछ चीजें डाल देते थे, जिससे चार चांद लग जाता था। उनके साथ काम करके उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला। आई फील, अगर मैं थोड़ा-बहुत अच्छी एक्टिंग करता हूं, सब उनकी वजह से। काफी कुछ उनसे सीखा।
प्रेम चौपडा
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Posted by Filmydrama on Wednesday, October 23, 2019
बता दे की चंकी पाण्डेय साथ ही जाने माने अभिनेता प्रेम चौपडा ने उनको याद करते हुई कहा की – वे बड़े ही खुशवार और इंटलेक्चुअल आदमी थे। वेल एजुकेटेड पर्सन भी थे और लिखते बड़ा ही जबरदस्त थे। मजाक वगैरह तो चलता रहता था, हर किसी के साथ बड़े खुशवारी तरीके से रहते थे। हां, कई दफा वे डायरेक्टर-प्रोड्यूसर से नाराज हो जाते थे। उनके काम को एक्सेप्ट नहीं करते थे। इसके पीछे वजह भी यह होती थी कि वे खुद कमाल के स्क्रीन राइटर थे तो स्क्रिप्ट और सीन को बारीकी से पढ़ते थे। इसमें से जब कुछ उनके वाजिब नहीं लगता था तो मेकर्स से नाराज हो जाते थे। कई बार अपनी जिद पर अड़ जाते तो कई बार डायरेक्टर वगैरह से माफी भी मांग लेते थे और कंप्रोमाइज करके काम शुरू कर देते थे। साउथ इंडियन फिल्मों के डायलॉग्स वगैरह को वे बहुत ही खूबसूरती के साथ ट्रांसलेट करते थे।