13 साल की उम्र में खोया माँ बाप को, ठुकराया 600 करोड़ की दौलत, ऐसी रही प्रीति ज़िंटा की ज़िंदगी!

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दोस्तों बॉलीवुड की डिंपल गर्ल प्रिटी ज़िंटा को आज किसी पहचान की जरुरत नहीं है, साबुन के एक विज्ञापन से निकलकर बॉलीवुड में अपने नाम का सिक्का जमाने वाली डिंपल गर्ल प्रीति जिंटा को भला कौन नहीं जानता। प्रीति जिंटा ने अपने खास अंदाज और दिलकश अदाओं से लाखों फैंस का दिल जीता है। प्रीति जिंटा अपने अभिनय के लिए हर जगह मशहूर है और उन्होंने बॉलीवुड को कई सुपरहिट फिल्में दी है। लेकिन बॉलीवुड में एक खास मुकाम पाने से पहले प्रीति ने अपनी जिंदगी में कई मुश्किलों का सामना किया। आज हम आपको बताएंगे प्रीति जिंटा की जिंदगी से जुड़े कुछ अनसुने किस्से जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं।

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13 जनवरी 1975 में जन्मी प्रीति जिंटा बचपन से ही बहुत खूबसूरत थी और यही वजह थी कि जल्द ही प्रीति को फिल्मों में काम करने का मौका मिल गया। कहा जाता है कि, जब प्रीति 13 साल की थी तो उनके पिता दुर्गानंद जिंटा का एक कार एक्सीडेंट में निधन हो गया। इस एक्सीडेंट के दौरान प्रति की मां को भी गंभीर चोटें आई थी जिसके कारण वह चल फिर नहीं पा रही थी। जिसके चलते उन्होंने 2 साल के भीतर ही दम तोड़ दिया। छोटी सी उम्र में ही प्रीति के सिर से माता-पिता का साया हट गया था और वह पूरी तरह से अकेली हो गई थी। हालांकि प्रीति ने इन मुश्किलों का सामना डटकर किया और आगे बढ़ती गई।

उन्होंने कम उम्र में ही मॉडलिंग करना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे उन्हें एडवर्टाइजमेंट भी मिलने लगे। साबुन के एडवर्टाइज में दिखने के बाद प्रीति जिंटा को हिंदी सिनेमा के मशहूर डायरेक्टर मणि रत्नम की फिल्म ‘दिल से’ में काम करने का मौका मिला। इस फिल्म में प्रीति साइड रोल में थी लेकिन उनके अभिनय को काफी सराहा गया। इसके बाद प्रीति को बड़ी फिल्म मिलने का सिलसिला शुरू हो गया और उन्होंने ‘कोई मिल गया’, ‘कभी अलविदा ना कहना’, ‘वीर-ज़ारा’, ‘कल हो ना हो’, ‘दिल है तुम्हारा’, ‘लक्ष्य’ और ‘क्या कहना’ जैसी बड़ी सुपरहिट फिल्मों में काम किया।

छोटी सी उम्र में अपने माता-पिता को खो देने का दर्द आज भी प्रीति जिंटा को होता है। प्रीति ने अपने 34 वें जन्मदिन पर ऋषिकेश के एक अनाथालय मदर मिरेकल से करीब 34 लड़कियों को गोद लिया था। इसके बाद से प्रति को 34 बच्चों की मां भी कहा जाने लगा। प्रीति ने इन बच्चियों की परवरिश के सहित उनकी पढ़ाई लिखाई का खर्चा उठाने का भी फैसला किया है। खास बात यह है कि प्रति अपनी जिम्मेदारी को बहुत अच्छे से निभा रही है और हर साल वह इन बेटियों से मिलने भी जाती है।

बता दें, प्रीति को उनके बेबाक बयान और निडरता के लिए जाना जाता है। कहा जाता है कि, प्रीति जिंटा एक बार अंडरवर्ल्ड डॉन से भी भीड़ गई थी। दरअसल, साल 2001 में प्रीति जिंटा की फिल्म ‘चोरी चोरी चुपके चुपके’ रिलीज से पहले ही मुसीबत में आ गई थी। पुलिस को खबर मिली थी कि इस फिल्म में अंडरवर्ल्ड डॉन का पैसा लगा है, हालांकि फिल्म पर मुंबई की हीरा कारोबारी भरत शाह ने पैसा लगाया था। ऐसे में पुलिस ने भरत शाह को गिरफ्तार कर लिया और फिल्म को रिलीज से पहले ही बंद करने का फैसला किया। इस दौरान पुलिस को कुछ गवाहों की जरूरत थी लेकिन कोई भी अंडरवर्ल्ड के खिलाफ गवाही देने को तैयार नहीं था।

ऐसे में प्रीति जिंटा ने हिम्मत दिखाई और वह कोर्ट में अकेले ही गवाही देने के लिए चली गई। इसके बाद प्रीति को ‘गॉडफ्रे फिलिप्स नेशनल ब्रेवरी अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया। कहा जाता है कि, 600 करोड़ की संपत्ति के मालिक शानदार अमरोही प्रीति जिंटा को अपनी गोद ली हुई बेटी मानते थे। प्रीति भी उन्हें अपने परिवार का हिस्सा मानती थी। एक पारिवारिक झगड़े के दौरान प्रीति ने शानदार अमरोही का साथ दिया था। जिसके बाद से शानदार अमरोही ने अपनी पूरी दौलत प्रीति के नाम करने का फैसला किया था। लेकिन शानदार अमरोही के निधन के बाद प्रीति ने इस संपत्ति को लेने से इंकार कर दिया।

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