पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को निर्भया के चारों गुनहगारों का डेथ वारंट जारी कर दिया। जज ने कहा कि 22 जनवरी को सुबह 7 बजे सभी दोषियों को फांसी दी जाएगी। दोषी अक्षय, पवन, मुकेश और विनय के पास डेथ वारंट के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने के लिए 14 दिन का वक्त है। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें फांसी दे दी जाएगी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के सुनवाई के दौरान जज ने दोषियों से पूछा कि क्या जेल प्रशासन ने आपको नोटिस दिया था? इस पर सबने कहा कि हमें नोटिस दिया गया।
दोषी अक्षय ने जज से बोलने की इजाजत मांगी और मीडिया पर खबरें लीक करने का आरोप लगाया। इसके बाद मीडिया को कोर्ट रूम से बाहर कर दिया गया। अक्षय ने कहा कि हम सभी क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करेंगे। दोषियों के वकील ने भी अदालत से क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करने के लिए वक्त मांगा था। लेकिन, सरकारी वकील ने दलील दी कि यह केवल मामले को लंबा खींचने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि ये याचिका 2018 से लंबित है और बचाव पक्ष यह नहीं कह सकता कि उन्हें मौका नहीं मिला।
साल 2012 में निर्भया गैंगरेप मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को चारों दोषियों का डेथ वॉरंट जारी कर दिया गया. इन चारों को 22 जनवरी की सुबह 7 बजे फांसी पर लटकाया जाएगा. इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट के जज ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चारों दोषियों से बात की. इस दौरान मीडिया को भी अंदर नहीं जाने दिया गया. सुनवाई के दौरान निर्भया की मां और दोषी मुकेश की मां कोर्ट में ही रो पड़ीं. गौरतलब है कि निर्भया मामले में चारों दोषियों अक्षय, मुकेश, विनय और पवन को पहले ही फांसी की सजा दी जा चुकी है.
डेथ वारंट को ब्लैक वारंट भी कहते हैं। इसमें फॉर्म नंबर-42 होता है, जिसमें फांसी का समय, जगह और तारीख का जिक्र होता है। इसमें फांसी पाने वाले सभी अपराधियों के नाम भी लिखे जाते हैं। इसमें ये भी लिखा होता है कि अपराधियों को फांसी पर तब तक लटकाया जाएगा, जब तक उनकी मौत नहीं हो जाती। डेथ वारंट जारी होने पर दोषियों को इसके खिलाफ अपील करने के लिए 14 दिन का वक्त मिलता है। अपील हाईकोर्ट में करनी होगी। अगर अपील नहीं की तो 14 दिन बाद दोषियों को फांसी दे दी जाएगी।