दोस्तों नकली बालों का कारोबार भी करोड़ों रुपए का होता जा रहा है यह बिज़नेस भी काफी तेज़ी से बढ़ रहा है यह इस खबर से जाहिर होता है। ट्रेन में रखे पार्सल में डेढ़ करोड़ के बाल गायब हो गए और महाराष्ट्र के चार व्यापारी पिछले कई दिनों से इंदौर जीआरपी और आरपीएफ थाने के चक्कर काट रहे हैं। उनकी पीड़ा है कि उन्होंने इंदौर रेलवे स्टेशन स्थित पार्सल घर से 6 जुलाई को हावड़ा के लिए बालों की 19 गठानें पार्सल के रूप में भेजने के लिए बुक कराई थीं, लेकिन इनमें से केवल तीन ही संबंधित व्यापारी के यहां पहुंचीं और शेष रास्ते में गायब हो गईं। इनकी कीमत डेढ़ करोड़ रुपए बताई जा रही है।
बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र और उसके आसपास के क्षेत्रों से बालों को संग्रहित कर व्यापारी औरंगाबाद और हावड़ा में सप्लाय करने का कारोबार करते हैं। मिली जानकारी के अनुसार 4 दिन पूर्व रायपाड़ा (महाराष्ट्र) का दीपक बाल और उसके चार साथी इंदौर जीआरपी थाने पहुंचे और थाना प्रभारी गायत्री सोनी को बताया कि उन्होंने 6 जुलाई को हावड़ा के लिए 19 पार्सल की गठानें, जिनका वजन 40 से 42 किलो होता है, बुक की थीं। ये 8 जुलाई को हावड़ा जाना थीं, लेकिन रास्ते में ही गायब हो गईं। जब संबंधित व्यापारी से सम्पर्क किया गया तो उसका कहना था कि उसके पास तो तीन ही गठानें पहुंची हैं। जो पार्सल गायब हुए हैं उनकी कीमत 80 लाख रुपए है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में उनकी कीमत डेढ़ करोड़ रुपए है। ये बाल विग बनाने और ब्यूटी पार्लर में अन्य उपयोग में आते हैं।
व्यापारियों का कहना है कि जीआरपी थाना प्रभारी ने उन्हें यह कहते हुए आरपीएफ थाने में भेज दिया कि यह मामला उनसे संबंधित नहीं है। जब वे आरपीएफ थाना प्रभारी हर्ष चौहान से मिले तो वहां भी यही जवाब मिला कि जिस क्षेत्र से माल गायब हुआ है, वहां सम्पर्क करो। आरपीएफ टीआई ने व्यापारियों को हावड़ा जाने को कहा और यह भी कहा कि वहीं से तुम्हारी समस्या हल होगी। दो थानों के मामले के चलते व्यापारी भटक रहे हैं। इस संबंध में जीआरपी एसपी किरणलता किरकुट्टा से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि आरपीएफ को इसकी जांच करना चाहिए। सूत्रों का कहना है कि महाराष्ट्र के पुणे, औरंगाबाद और आसपास के क्षेत्रों में बालों को बेचने का कारोबार बड़े पैमाने पर किया जाता है। औरंगाबाद इसका मुख्य गढ़ है।