7 अप्रैल को देश में कोरोना संक्रमित लोगों का आंकड़ा पांच हज़ार पार गया। भारत कोरोना वायरस की तीसरी स्टेज की तरफ बढ़ रहा है। हाई-लेवेल मीटिंग्स का दौर जारी है। इस वीडियो में हम आपको पांच संकेत बताने जा रहे हैं जिनके आधार पर कह सकते हैं कि मोदी सरकार लॉकडाउन को 14 अप्रैल से आगे बढ़ाने पर विचार कर रही है।भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक अध्ययन के मुताबिक अगर लॉकडाउन या दूरी बरतने के नियमों का पालन नहीं हो तो कोरोना वायरस का एक मरीज 30 दिन में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है। एहतियाती उपाए किए जाने पर संक्रमण की आशंका इसी अवधि में प्रति मरीज महज ढाई व्यक्ति रह जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने कहा कि सामाजिक दूरी कोविड-19 के प्रबंधन में “सामाजिक दवा” की तरह काम करती है।
विपक्षी दलों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक खत्म हो गई है. पीएम ने लॉकडाउन बढ़ाने के संकेत दिए हैं. सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि बैठक में पीएम ने बैठक के दौरान कहा कि जितने सुझाव और जितनी जानकारी उन तक पहुंच रही है. उससे ऐसा लगता है कि लॉक डाउन बढ़ाना चाहिए.
यूपी के पंद्रह ज़िले के हॉटस्पॉट 15 अप्रैल तक सील रहेंगे और 31 मई तक कोई बैंक किसी किसान को नोटिस नहीं जारी करेगा. इसमें लखनऊ , शामली, मेरठ, बरेली , बुलंदशहर , आगरा , ग़ाज़ियाबाद , नोएडा , महाराजगंज , सीतापुर , सहारनपुर , बस्ती , फ़िरोज़ाबाद और कानपुर शामिल हैं. अवनीश अवस्थी का कहना है कि पूरे ज़िले में जहां पॉज़िटिव केस आये हैं, वहां ज़्यादा संवेदनशील स्थानों को चिन्हित करके उस इलाके को सील किया जाएगा. ऐसा लखनऊ और नोएडा के कुछ इलाक़ों में पहले ही किया जा चुका है.
कई लोगों को ये लग रहा है कि कंट्रोल सेंटर में फोन कर सामान मंगवाना संभव हो पाएगा ऐसे में ये साफ हो गया है कि सिर्फ दुकान वाले ही सामान आपके घर तक पहुंचा पाएंगे, ग्राहक अपने आप नहीं जा सकते हैं.
सील का अर्थ ये है किआवश्यक सेवाओं को छोड़कर किसी को कर्फ्यू पास जारी नहीं होंगे. जरूरी सेवाओं के अलावा किसी को भी घर से निकलने की इजाजत नहीं होगी. इन जिलों के बॉर्डर पूरी तरह सील कर दिए जाएंगे. मीडियाकर्मियों की एंट्री बैन करने पर भी विचार हो रहा है. विशेष परिस्थिति में ही इजाजत दी जाएगी.