दोस्तों बॉलीवुड फिल्मो में भी इसी प्रकार का दिखाया जाता है जिसमे हीरो और हेरोइन प्यार के बाद शादी करने के लिए जी जान लगा देते है और परिवार से लड़कर शादी करते ही है। जबकि कई बार रियल लाइफ में तो इसका विपरीत ही मिलता है। अगर हम असल ज़िन्दगी की बात करे तो वह थोड़ा सा कुछ अलग ही हिसाब होता है। रियल लाइफ में हम देखते है कि एक दूसरे को खरोच आने पर भी एक दूसरे के परिवार वाले एक दुसरे पर ही दोष लगा देते है और इतना ही नहीं इस चीज़ को अशुभ मानकर रिश्ते तोड़ने तक की नौबत पर आ जाते है।
ऐसा भी नहीं है कि इसे ही सच मन लिए जाये रियल लाइफ में यह कहना भी पूरी तरह सही नहीं है कि सारे लोग एक जैसे होते हैं और कहा भी जाता है कि पांचो उगलिया एक जैसी नहीं होती है। कुछ लोग धरती पर ऐसे भी हैं जो इंसानियत की बहुत बड़ी मिसाल देते हैं, क्योकि ये संभावना जरूर होती है कि जो आज हमारे साथ हुआ तो कल सम्भाना है कि शायद हो सकता है की आपके साथ भी वैसा हो।ऐसा ही दर्द नाक घटना हुई गुजरात के जामनगर जिले की वड़गामा में रहने वाली 18 वर्षीय हीरल तनसुख के साथ, जिनकी सगाई 28 मार्च को जामनगर के ही रहने वाले चिराग भाड़ेशिया गज्जर के साथ हुई थी।
सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था और दोनों जल्दी ही शादी के बंधन में बढ़ने के लिए तैयार थे। खबर तो ये भी थी कि इन दोनों की शादी गर्मी की छुट्टियों में होने वाली थी, लेकिन विधाता तो कुछ और चाहता था। और उस ऊपर वाले के आगे फिर चलती भी किसकी है। हीरल रोज के दैनिक कार्य को करने के लिए रोज कि तरह 11 मई को कपड़े धोने के बाद उन्हें सुखाने के लिए खिड़की के पास पहुची और जैसे ही अपने हाथों को खिड़की से बाहर निकाला, उसी दौरान गलती से और अनदेखे में हाईटेंशन तार पर उसका हाथ चिपक गया और उसका दाहिना हाथ बुरी तरह से जल गया। क्योकि पानी से पैर गीले थे उसके बाद देखते देखते ही पैरों में भी करंट आ गया और उसके दोनों पैर जल गए और वह भी बुरी तरह से झुलस गई।
उसकी ऐसी हालत देखकर उसे तुरंत पास के जीजी हॉस्पिटल में ले जाया गया और वहाँ पर उसका इलाज़ शुरू किया गया हुआ। लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही की वज़ह से 4 दिनों तक उसके परिवार वालों को यही बता दिया जाता रहा कि वह जल्दी ही ठीक हो जाएगी और सारे रिपोर्ट्स भी नॉर्मल आएंगे यही सुनकर परिवार वाले थोड़ा तसल्ली रख रहे थे। लेकिन चार दिनों के बाद जीजी अस्पताल के डॉक्टरों ने लापरवाहीपूर्वक अपने हाथ खड़े कर दिए और उसे अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के लिए बिना कुछ सोचे समझे रेफर कर दिया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। सिविल अस्पताल पर पहुँचने के बाद डॉक्टरों ने कहा कि लड़की हिरल का दायाँ हाथ और दोनों पैर के घुटने दोनों को ही काटने पड़ेंगे और साथ ही ये भी कहा कि आप लोगो ने इसे यहाँ लाने में थोड़ी देरी कर दी अगर वक़्त रहते लेते आते तो सायद ये सब न होता और जल्दी ही हम उसे सही कर देते।
डॉक्टर्स कि ये बात सुनकर मनो कि हीरल के माता पिता के ऊपर दुखो का अम्बर टूट पड़ा और ऐसा दुःख भी शायद वह कभी ख़त्म ही ना हो। दोनों माता पिता सोचने लगे की उनकी अपंग बेटी हीरल का बोझ को आखिरकार कौन उठाएगा? अब तो शायद चिराग भी उससे शादी का रिश्ता तोड़ देगा। लेकिन जब हिरल का मंगेतर चिराग उसे देखने अस्पताल पहुँचा तो उससे हिरल के माता-पिता की परेशानी देखी नहीं गई और उसने फ़ैसला किया कि वह शादी तो हीरल से ही करेगा इस बात को सुनकर सभी लोग हैरान रह गए और और इतना ही नहीं उसके मंगेतर ने कहा की पूरी ज़िन्दगी क्या अगले सातों जन्म तक भी वह उसका साथ देगा, चिराग की इस बात से चिराग के माता-पिता भी सहमत हुए। चिराग ने सबके सामने ये बड़ा फैसला लेकर दुनिया में नया सन्देश दिया जिसके बाद सभी उसकी जमकर तारीफ करने लगे।