एक समय था जब क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारत की टीम पाकिस्तान से एक बार भी नहीं हरी थी. भारत की जित का सिल्सल अब विराट कोहली की कप्तानी में टूट गया। इसके पहले भारत पाकिस्तान को लगातार 12 बार वर्ल्ड कप में हरा चूका था। वर्ल्ड कप में भारत को पहली बार हराने के बाद पाकिस्तानी खिलाड़ियों की खुशी का ठिकाना नहीं था। पूरी टीम जिस तरह सेलिब्रेट करने में लगी थी, उसी से जाहिर था कि उनके लिए यह जीत वर्ल्ड कप से भी ज्यादा मायने रखती है। किसी भी खिलाडी के लिए चाहे वो पाकिस्तान का हो या भारत का दोनों के बिच के मैच में भरपूर दबाव रहता है।
हार-जीत तो क्रिकेट में लगी रहती है पर इस मैच के विपत एक मंजर देखने को मिला जो किसी भी क्रिकेट फैन के लिए बहुत भावुक कर देने वाला पल था। बाबर आजम हों या शोएब मलिक, इमाद वसीम हों या नए-नए फैनबॉय बने शहनवाज धानी… धोनी से बात करने को सब उतावले थे। धोनी भी इन खिलाड़िओ से दिल खोल के मिले। असल बात इन सब में क्या हुई, यह तो धोनी, बाबर और मलिक ही जानें मगर इतना तय है कि धोनी ने जो कुछ भी बताया होगा, उसे पाकिस्तानी क्रिकेटर्स कभी भूल नहीं पाएंगे।
बाबर आजम की कप्तानी में पाकिस्तान टीम ने वो कर दिखाया जो बड़े से बड़ा कप्तान नहीं कर पाया था। 1992 वर्ल्ड कप जीतने वाली इमरान खान (अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री) की टीम भी न कर सकी थी। निसंदेह इस वक्त के शीर्ष तीन बल्लेबाजों में शुमार हैं बाबर। बतौर कप्तान उनकी टीम ने पहली बार वर्ल्ड कप में भारत को मात दी है। भले ही पाकिस्तान ये मैच जीत गई हो पर धोनी के प्रति इन खिलाड़िओ का सम्मान देखने को मिला. किसी सीनियर की तरह धोनी लगभग सावधान की मुद्रा में थे जबकि बाबर, मलिक, वसीम जैसे पाकिस्तानी क्रिकेटर्स हाथ पीछे बांधकर किसी नौसिखिए की तरह बातें सुन रहे थे।