दोस्तों दिल्ली के मशहूर बाबा का ढाबा के मालिक कांता प्रसाद को गुरुवार रात हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। पुलिस के मुताबिक, शराब और नींद की गोलियां खाने के बाद वे बेहोश हो गए थे। उनके बेटे का बयान दर्ज कर लिया गया है। फिलहाल सफदरजंग अस्पताल में उनका इलाज जारी है। शुरुआती जांच में पुलिस ने आशंका जताई है कि उन्होंने आत्महत्या का प्रयास किया है। मामले की जांच चल रही है।
मामले में कांता प्रसाद की पत्नी बदामी देवी का कहना है कि मुझे कुछ नहीं पता है। उन्होंने क्या खाया, मैंने नहीं देखा। मैं ढाबे पर थी, जब वो बेहोश हुए। हम उन्हें हॉस्पिटल लेकर आए। डॉक्टर्स ने भी अब तक हमें कुछ नहीं बताया है। मुझे नहीं पता कि उनके दिमाग में क्या चल रहा था।
अजय ने बताया कि, ‘कांता प्रसाद गुरुवार सुबह करीब साढ़े 6 बजे घर से निकल गए थे। उस वक्त वे काफी परेशान थे। पता चला कि बाबा ने शराब पीकर नींद की गोलियां खा ली हैं, और लोगों से माफी मांगते हुए अपने ढाबे में आकर सो गए। जब हमने देखा तो वो बेहोश थे। फिर उनको करीब शाम साढ़े 5 बजे हॉस्पिटल ले जाया गया। अभी हालत सही नहीं है।’
80 साल के कांता प्रसाद अपनी पत्नी के साथ साउथ दिल्ली के मालवीय नगर में ‘बाबा का ढाबा’ के नाम से स्टॉल चलाते हैं। पिछले साल कोरोना की वजह से उनका काम-धंधा मंदा चल रहा था। इसके बाद उन्होंने एक वीडियो में दुखभरी कहानी दुनिया को सुनाई थी। यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। इसके बाद उनके ढाबे पर मटर-पनीर खाने के लिए ग्राहकों की भीड़ लगने लगी।
वही बीते साल दिसंबर में 80 साल के कांता प्रसाद ने दिल्ली के मालवीय नगर में एक नए रेस्टोरेंट की शुरुआत की थी। उन्होंने इसका नाम भी ‘बाबा का ढाबा’ रखा था और यह उनके स्टॉल के पास ही था। कुछ दिनों बाद ही उन्हें यह रेस्टोरेंट बंद करना पड़ा था। उन्होंने बताया था कि रेस्टोरेंट 15 फरवरी को बंद करना पड़ा। इसे चलाने में एक लाख रुपए का खर्च आ रहा था और हमें 36 हजार रुपए कर्मचारियों को देने पड़ते थे। इसका किराया 35 हजार रुपए महीना था। हमें इसमें नुकसान ही हो रहा था, इसलिए इसे बंद करना जरूरी था। हालांकि, कुछ दिन पहले ही उन्होंने अपना पुराना ढाबा फिर से शुरू किया था।