दोस्तों फार्मास्युटिकल्स की एग्जक्यूटिव डायरेक्टर नमिता थापर ने ‘शार्क टैंक इंडिया’ को जज करने के दौरान कंटेस्टेंट्स के आइडिया पर किए गए निवेश और शो खत्म होने के बाद हुए पछतावे के बारे में बात की। उन्होंने अपने एक आर्टिकल में बताया कि कैसे उनके हाथ से अवसर खो गए और बतौर बिजनेस लीडर वह कितनी कमजोर हो गईं थीं और उन्हें पछतावा हो रहा था। नमिता थापर ने खुलासा किया कि उन्होंने ‘शार्क टैंक इंडिया’ के पहले सीजन में 170 बिजनेस आइडिया का मूल्यांकन किया और 25 बिजनेस में 10 करोड़ रुपए का निवेश किया।
उन्होंने लिखा, “मैंने लगभग 170 बिजनेस आइडिया को देखा और 25 कंपनियों में 10 करोड़ रुपए का निवेश किया जो मेरे दिल को छू गया। मैंने शो के दौरान 7 करोड़ रुपए का निवेश किया।” नमिता थापर ने आगे लिखा, “मैंने शो के बाद 3 करोड़ रुपए का निवेश उन डील में किया जिन्हें मैंने शो के दौरान छोड़ दिया था क्योंकि मैं कुछ मौजूदा बिजनेस आइडिया में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का का सोच रही थी।” योरस्टोरी पर पब्लिश लेख में, उन्होंने कुछ बिजनेस आइडिया का सपोर्ट नहीं करने के बारे में अपने ‘सबसे बड़े पछतावे’ के बारे में बात की।
नमिता थापर ने आगे लिखा, “बतौर भविष्य के लीडर के तौर पर हमें न केवल उन फाउंडर्स को चैंपियन बनाने की जरूरत है जो हमारे लिए स्केल स्थापित कर सकते हैं और पैसा कमा सकते हैं, बल्कि उन लोगों को भी सही मेंटोरशिप की जरूरत है जिनके पास जबरदस्त क्षमता है और एक सच्ची समस्या पर काम कर रहे हैं लेकिन उनके पास अपने बिजनेस में ट्रैक्शन हासिल करने के लिए सही मेंटोरशिप नहीं है।” नमिता आगे लिखती हैं, “एग्रो टूरिज्म के जुगाडू कमलेश और पांडुरंग दोनों महाराष्ट्रीयन किसान थे जो सच्ची समस्याओं को हल करने के लिए निकले थे, लेकिन सही मार्गदर्शन की कमी के कारण वह बिक्री नहीं कर पाए।
ऐसे में मेरे जैसे लीडर्स को बोल्ड होने की जरूरत है, ऐसे फाउंडर्स का समर्थन करें और सुनिश्चित करें कि वे सफल बनें ताकि एन्टरप्रेन्योरशिप न केवल सही शिक्षा और संसाधनों वाले लोगों का बल्कि आम आदमी का भी सपना बन जाए।” नमिता थापर ने लिखा, “यह हमारी मुख्य जिम्मेदारियों में से एक है, क्योंकि व्यापार जगत के लीडर जिन्हें पावर और प्रिविलेज मिले हैं, जिन्हें लोग देखते हैं … और कमलेश और पांडुरंग के बिजनेस आइडिया में निवेश नहीं करना शार्क टैंक इंडिया में मेरा सबसे बड़ा पछतावा है।”