18 दिन की मासूम ने अलविदा कहने से पहले दो लोगों की जिंदगी में भरी रोशनी!

दोस्तों दुनिया के हर मां बाप अपनी संतान को हर सुख देना चाहता है अपने बच्चों के एक छोटी सी चोट से ही मां-बाप का दिल पसीज जाता है। लेकिन कभी-कभी दुनिया में माता पिता को अपनी संतान से हाथ धोना पड़ जाता है लेकिन एक ऐसा दंपति भी है जिसने मात्र 18 दिन की अपनी बेटी को खो दिया लेकिन उस बेटी ने जाते जाते दो लोगों की जिंदगी को रोशन कर दिया। 18 दिन की मासूम अपराजिता ने अपनी आंखों से दो लोगों की जिंदगी सवार दी।


बता दे की झारखंड के रहने वाले एक दंपति के बारे में बताते हैं जिनका नाम राजश्री कुमारी और धीरज गुप्ता है। इनकी एक बेटी का जन्म हुआ लेकिन जन्म के 18 दिन बाद ही उसकी मृत्यु हो गई। अपने बेटे की मृत्यु के बाद इस दंपति ने उनकी आंखें दान करने का फैसला किया और उनके इस फैसले की वजह से दो नेत्रहीन लोगों की जिंदगी संवर सकती है और उनकी बेटी भी अपनी आंखों से इस दुनिया को देख सकती है।

झारखंड के रांची के शहडोल जिले के रहने वाले इस दंपति के घर एक संतान उत्पन्न हुई जिससे सभी खुश थे लेकिन कुछ दिनों बाद ही उसकी आहार नाल और सांस लेने में कुछ जटिलताएं देखी गई। इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन इलाज के दौरान वह नहीं बच सकी। दुनिया को अलविदा कहने वाले इस बेटी का नाम अपराजिता है। जैसे ही बेटी का देहांत के बारे में उसके माता-पिता को पता चला तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई लेकिन उन्होंने तुरंत बाद ही उनके नेत्रदान करने का फैसला किया जो काफी लोगों के लिए एक मिसाल साबित होकर सामने आ रहा है।

झारखंड के शहडोल जिले के रहने वाले इस दंपति ने अपने 18 दिन की बेटी को खो दिया लेकिन जाते-जाते बेटी ने दो लोगों की जिंदगी को रोशन कर दिया और अपनी आंखों से दुनिया देखने का सपना भी साकार कर पाई। शहडोल के कलेक्टर ने इस दंपति की तारीफ की है उन्होंने कहा कि यह एक बेहतरीन कदम है और लोगों को नेत्रदान के लिए आगे आने में बेहद कारगर साबित होगा। आपको बता दें कि झारखंड सरकार भी आने वाले समय में इस दंपति को सम्मानित करेगी।

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